Friday, 6 April 2018

jaanvar v/s nakaratmakta

                                                            जानवर v/s नकारात्मकता              

कुछ ऊंचे लोगों की सोच स्पष्ट करती है,
की जानवर घर में नहीं लाते हैं negativity।

उनमें भी दिल धड़कता, खून बहता है,
उनके घर में रहने से बढ़ती है prosperity।

बिना किसी भेद-भाव, लाग-लपेट के रोज़,
बिना नागा करनी पड़ती है physical activity।

डॉक्टर भी अब ये बोलते हैं,
घर में पेट्स रखो बढ़ेगी मन में positivity।

सोचने को सब स्वतंत्र हैं कुछ भी सोचो यार,
सबकी अलग-अलग होती है mentality।

इंसान का पूर्वज भी एक बन्दर था,
क्या इतनी काफी नहीं है similarity।

आत्मा सब में बस्ती है कर्म भी सब भोगते हैं,
और सबमें होती है spirituality।

घर के आँगन में कोई चिड़िया रोज़ आकर बैठे तो,
उसके लिए भी दिल दिखता है loyalty।

बेसहारा, असहाय को जो दे सहारा,
ऐसी सबमें नहीं होती है speciality।

हर देव के संग एक जानवर जुड़ा है,
कुछ तो बात होगी कुछ तो होगी equality।

ऊपर से लाख दिखावा करो प्यार का,
पकड़ लेता है जानवर तुरंत दिल की clarity।

आज इन्सान खुद से अनजान है,
तभी तो रिश्ते निभाने में हो रही है difficulty।

एक हाथ से कभी  ना बजती ,
होनी चाहिए सब में mutuality।

पशु-पक्षी ना करते दम्भ,चाटुकारिता,
उनको समझ आती सिर्फ lovelity।

आलस से ना बात बनती,
जीवन में लादेते punctuality।

इंसानियत तो सब पर लागू होती ,
सोच में कुछ तो लाओ diversity।

कितने जन्म लेकर इंसानी चोगा पहनती है आत्मा,
प्यार की ना सही positive सोच की तो बढ़ाओ ability।           


      
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