सोनपापड़ी
बेसन से बनी एक त्योहारी मिठाई, जाने क्या सोच के बनाई
आई दीपावली ,खुशियाँ लाई सबने दीयों की पंक्तियाँ सजाईं
लगा मिठाईओं का मेला ,बर्फी लड़ू बालूशाही और रसगुल्ला
कैसे भूलें डिब्बों के ढेर से मुँह झांकती बेचारी सोनपापड़ी
एक घर से दूजे घर ,दूजे से तीजे घर-घर की दहलीज लांघती बेचारी सोनपापड़ी
सभी गिफ्ट खुल जाते पर न खुल पाती बेचारी सोनपापड़ी
न किसी को भाती ,प्लेट के किसी कोने से हाथ मैं आने को बेक़रार बेचारी सोनपापड़ी
बिन बुलाये लोगों को पकड़ा दी जाती ,अंदर ही अंदर कसमसाती बेचारी सोनपापड़ी
अजीब से दिखते रिश्तेदारों को गिफ्टपैक ,कर पैकिंग खुलने का इन्तजार करती बेचारी सोनपापड़ी
एक्सपायरी डेट होने पर जानवरों के हवाले कर दे जाती बेचारी सोनपापड़ी
बेसन से बनी इक बेचारी मिठाई जाने क्या सोच के बनाई