Saturday, 6 July 2013

Aaloo Matar Ki Shaadi

आलू की शादी मंडी में , सब्जी बने बाराती
देखो कैसे सज धज बैठे, सब के सब घराती
शल्जम ने सजाया पंडाल, मंडप अति सुन्दर
संग बैठा हे आलू , देखो लाल चकुंदर
पतली नाजुक सी मटर, दुल्हन बनी बड़ी सयानी
सजी संवरी इतराये, इठलाए भिन्डी रानी
बैंगन प्याज बने हैं भैया, दावत का काम संभालें
अरबी लाल टमाटर धनिया, पोधिना के अंदाज निराले
नीम चडा करेला आये, पहन कर हरा पाजामा
पैठे के संग ढोल पे नाचे, टिंडा खीरा मामा
पत्ता गोभी मिर्ची पीसे , न जाने क्या बतियाती
सुन्दर सलोनी गोभी अपने, रूप पर इतराती
समधी बने हैं कददू कटहल, बैठे हैं बन ठन के
आलू मटर की जोड़ी, खन -२ चूड़ी खनके
गाजर मूली अरबी ने जम कर पेग चड़ाए
वर वधु को दिया आशीर्वाद , खुशियों के गीत गाये

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