Thursday, 16 April 2020

what all lockdown

किसी का सोना लोखड़ौन - बीवी का 

Tuesday, 14 April 2020

कोरोना वारियर्स


जिस कौम को कभी हिकारत से देखते थे
हाथों से ही दूर जाने के इशारे करते थे
आज वही जब काम पे निकलते हैं
उस सफाई कर्मी के सम्मान में
शीश झुकाता हिन्दुस्तान है

पल पल की खबर जो पहुंचाए
हर मोड़ पे माइक लिए दिख जाए
कभी शांति से कभी बहस कर
अपने मुद्दे पाए आये
आज उस मीडिया कर्मी के सम्मान में
शीश झुकाता हिन्दुस्तान है

हर गली मोहल्ले कूचे में 
बीच बाजार चौराहों पर 
जो गस्त लगता है 
कितनी भी जटिल परिस्थिति हो 
तनिक नहीं घबराता है 
कभी सख्ती से कभी दरियादिली से 
एक अलग पहचान बनाता है 
हां, उस पुलिस कर्मी के सम्मान में 
शीश झुकाता हिन्दुस्तान है 

जिसके बिन यह जंग अधूरी 
हारी बाजी हो जाए पूरी 
ईश्वर की तरह वो पूजा जाये 
मौत के मुहं से वो भी ले आये 
परिजनों से दूर रह 
मरीजों के चेहरों पे हंसी लाये 
हाँ, आज उस डॉक्टर , नर्स के सम्मान में 
शीश झुकाता हिन्दुस्तान है 


Sunday, 12 April 2020

आत्मा - एक सुलगता सत्य

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥

कोई भूखा मारा, कोई प्यास में। 
कोई बीमारी से तड़पा, कोई अपनों की आस में।  
किसी ने अपनों में दम तोडा, कोई गया अज्ञात में।  
किसी को खौफ ने सताया, बहुत गए जमात में।  
कुछ गिरे जमीन पे औंधे मुहं, मन में उड़ने की चाह लिए।  
कुछ पहल से ही थे अर्श पर, निकल पड़े वीरनौ में विचित्र से आह लिये।
क्या फूटबाल , क्या क्रिकेटर, क्या वैज्ञानिक या हो बड़ा एक्टर।  
इसने (कोरोना) ना किया कोई समझौता, चल दिया इंसान सब कुछ छोड़ कर। 
इसने भेदभाव से दुरी बनायी, सम्पूर्ण विश्व को ही अपनाया। 
जिसने दिखाया सत्ता का दम्भ, पल भर में उसे आइना दिखाया।  
यम दूतों ने रच दिया चर्कव्युह, फँस गयी लाखों की जान है। 
इस बार संभाल ले मालिक, दिल में बस यही अरमान है। 
में अजर अमर अविनाशी सत्य, निडर निरभीक भयावह। 
अमावास्या का नितांत स्याह अँधेरा, पूर्णिमा से अलंकृत एक उज्वल धवल सी सुबह 

Saturday, 4 April 2020

जैसे को तैसा

भारत की आवो हवा साफ़ हुई , प्रदुषण हुआ हवा हवा
यह ज़िन्दगी हे एक जुआ

सड़क पे गजराज चल पड़े घूमने के लिये
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये

पूरी पल्टन पिकनिक मनाने सड़कों पे आये हिरन
हम होंगे कामयाब एक दिन

सनाटा देख आदमी की खोज में बीच बाजार नील गाय फिरें
हम को मन की शक्ति देना मन विजय करैं

पार्किंग में मची उथल पुथल, बन्दर तोड़ फोड़ मचाएं कदम कदम
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम

बाग़ गुलदारों के आतंक से त्रश्त पहले से ही है आबादी
आओ बच्चों तुम्हे दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की

बेफके बकरे मस्ती में इधर उधर इतराते हैं
संदसे आते हैं हमें तड़पाते हैं

प्रकृति ने पासा पलटा, इंसान बंद सब जानवर खुलेआम
माँ तुझे सलाम  .. वनदेमातरम्

वक़्त रहते समझ जा मानव कहीं बचे ने कारवां
तेरी मिटटी में मिल जावां ..


Thursday, 2 April 2020

corona

को - क्रोध प्रकृति का
रो - रौद्र रूप प्रकृति का
ना - नाद प्रकृति के कोप का
अभी तो प्रकृति ने अपने क्रोध का ट्रेलर दिखाया है
नहीं सुधरे तो असली पिक्चर बाकी है मेरे दोस्त


Wednesday, 1 April 2020

doorbell

चैन हे सुकून हे पर घर की door bell क्यों आज मौन है ?
सुबह से लेकर रात तक टिंग टोंग जो बजती थी
कभी कभी कानों को कर्कश भी लगती थी
क्यों आज मौन है ?

सपने में भी टिंग टोंग सुनाई देती थी
दूर कहीं बजे तो भी अपनी सी लगती थी
क्यों आज मौन है ?

पति का, बच्चों का आने का इंतज़ार ख़तम करती थी 
क्यों आज मौन है ?

होम डिलीवरी की टिंग टोंग पे जो खुशी देती थी 
क्यों आज मौन है ?

Pizza जब आता था डिलीवरी बॉय घंटी बजाता था 
उस पल का परम आनंद अवर्णीय 
क्यों आज मौन है ?

कभी - २ इतना बजती थी गालियां सुनती थी 
क्यों आज मौन है ?

अब सुनने को कान तरसते हैं 
लोग घंटी बजाने से डरते हैं 
कदम पल-२ दरवाजे की ओर बढ़ते हैं 
जुबां भी (ज़रा गेट खोल दो) कहना चाहती है 
पास से, दूर से कोई टिंग टोंग की आवाज़ ना आती है 
अब वो मधुर टिंग टोंग की ध्वनि 
क्यों आज मौन है ?

लोगों के सब्र की परीक्षा है. 
अब तो किसी चमत्कार की प्रतिक्छा है.. 

टिंग टोंग। ..... टिंग टोंग। ..... टिंग टोंग। ..... टिंग टोंग। ..... टिंग टोंग। ..... टिंग टोंग। ..... 


Sunday, 29 March 2020

samosa

भाइयों और बहनो, कलयुग ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया
मत मिलो मत आओ , यही सन्देश देना शुरू कर दिया

कोरोना से बचने के लिए पानी से हाथ धोना ज़रूरी है
मगर पानी को बचाना भी ताो ज़रूरी है
कोरोना से ऐसे तैसे निपटऐ तो
पानी की समस्या सुरसा की तरह मुँह फैलाये खड़ी है

हालतों को देखकर ताो यही लगता है
कि दुनिया तीसरी युद्ध रुपी बवंडर के मुहाने पे खड़ी है


Friday, 27 March 2020

lockdown ke side effects

किसी का सोना हुआ lockdown😴 -  पत्नी का भरी दोपहर में सोना 😉
किसी का जगना हुआ lockdown😲 - छोटे बच्चो का सुबह जल्दी उठना,उनको डरा के फिरसे सुला दिया जाता है 😓
किसी का खाना हुआ lockdown 😱 - हर दो मिनट मे पत्नी प्लेट लेके आ जाती थी 😋
किसी का पीना हुआ lockdown 😈 - बेवड़ो का हर दो मिनट मै दो पैक लगाना 🙌
किसी का बोलना हुआ lockdown 😑 - अध्यापक का कक्षा में पढ़ाना 😷
किसी का सुनना हुआ lockdown 😵 - बच्चो का माँ की डॉट (बच्चे बाहर जाने की धमकी देते हैं )😤
बच्चो की पढ़ाई-लिखाई lockdown 🙇 - क्यूंकि स्कूल, कोचिंग क्लास सब बंद 😟
घर मै भजन-कीर्तन,कथा हुई lockdown 😰 - बच्चे,पति-सारा दिन तुम यही सुनती रहोगी 😕
पिज़्ज़ा, पेस्ट्री, जंकफूड सब हुआ lockdown 😡 - खाने के संग कोरोना आ जायेगा 😮
२१ दिन क lockdown मे सिर्फ एक ही चीज़ है जो कभी नहीं रुकी और ना रुकेगी और वो है- सबके फ़ोन मे डाटा 😩
मार रहा है खूब फर्राटा 😄❗❗❗ टाटा टाटा टाटा टाटा       टा❗❗❗❗❗ टा ❗
🙏🙏
धोते रहो - सोते रहो - २० साल पहले के दिन सोचते रहो 😉😉😉😉😉

Wednesday, 25 March 2020

lockdown

ज़िन्दगी में कुछ यूँ मची थी भागमभाग
चारों तरफ लगी थी काम और मीटिंग की आग ही आग
चलो कोरोना ने कुछ तो अच्छा कर दिया
सरपट भागती ज़िन्दगी को कुछ स्थिर कर दिया

मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारे सब बंद हुए
घर में ही करो भजन कीर्तन
दिल से करो कुछ यूँ प्राथना
कोरोना वायरस का भी काँप जाए तन-मन

२१ दिन का lockdown है तो क्या हुआ
परिवार संग बिताओ वक़्त और सोचो
क्या क्या पल मिस किया
मुश्किल वक़्त है ज़रूर
हँसते गाते सोते जागते
झाड़ू पोंछा, बर्तन धोते
बीत ही जायेगा

किसी और की गुस्ताखी की सजा
सभी को भुगतनी पड़ी
यह मौका भी अपनों को पास लायेगा
कुछ को दूर --------- पहुँचायेगा
अच्छी बुरी सीख दे जायेगा

लो यह प्रण , नहीं पार करोगे
२१ दिन की लक्ष्मण रेखा
सब्र का फल मीठा
यह संयम कोरोना को उखाड़ देगा

Sunday, 15 March 2020

कोरोना आला रे

गाल से गाल छुआना , अब भूल ही जाना
हाथ से हाथ मिलाना, भी अब हुआ पुराना
दोनों हाथ मिलाकर करो नमस्ते
आया अब दूर से प्रणाम का ज़माना
क्योंकि कोरोना आला रे आला
सारी दुनिया का निकला दीवाला

मोदी ने चलाया स्वछता अभियान
कुछ ने समझा,कुछ ने माना, कुछ ने नकारा
अब सारी दुनिया लगा रही साफ़ सफाई का नारा
क्योंकि कोरोना आला रे आला

आबादी इतनी हो गयी, सिर से सिर मिलने लगे
पैर रखने को जगह नहीं, खाने को तरसने लगे
ज़िंदा पशु पक्षी ही  निगलने लगे
अब देखो मांसाहार के तेवर
अब तो हो जाओ शाकाहार के फेवर
क्योंकि कोरोना आला रे आला

डॉक्टर कहे हाथ धुलवाओ
खांसो छींको टिश्यू मुँह पे लगाओ
जेब में रखो सेनिटाइज़र बाहर जब जाओ
इधर उधर कुछ छुओ नहीं
ना ही नाक, आँख मुहं खुजाओ
बाबा रामदेव कहें कि भैया
अब तो आयुर्बेद पे आ जाओ
क्योंकि कोरोना आला रे आला

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